पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी पर्यावरण शब्द की उत्पत्ति फ्रेंच शब्द environ से हुई है जिसका अर्थ है आवृत या गिरा हुआ पर्यावरण के प्रकार हैं १.प्राकृतिक पर्यावरण -जिसमें जैविक अजैविक दोनों तत्व शामिल होते हैं २.मानव निर्मित पर्यावरण जो मानव ने कृत्रिम रूप से निर्मित किए हैं जैसे -कृषि औद्योगिक शहर अंतरिक्ष स्टेशन वादी३. सामाजिक पर्यावरण जिसमें पृथ्वी पर भाषाई धार्मिक रीति-रिवाज जीवनशैली राजनीतिक आर्थिक धार्मिक संस्थाएं संगठन आदि पर्यावरण के अंग १.जैवमंडल -जिस स्थान पर वायुमंडल जलमंडल तथा स्थलमंडल मिलते हैं २.स्थलमंडल -पृथ्वी का लगभग 29% भाग स्थलमंडल है लिथोस्फेयर ३.जलमंडल- 71% भाग जल से घिरा हुआ है पृथ्वी को जलीय ग्रह भी इसीलिए कहा जाता है जैसे महासागर जिले बांध हिमनद भूगर्भिक जल आदि आते हैं ४.वायुमंडल- चार भागों में विभाजित
मानव पर्यावरण संबंधी अवधारणाएं
1.पहला निश्चयवाद की अवधारणा- हंबोल्ट रेटजेल और रिटर्न द्वारा पूर्णतया प्रकृति पर निर्भर माना प्रकृति सर्वशक्तिमान मानव प्रकृति के हाथों का खिलौना
2.संभववाद अवधारणा मानव को पर्यावरण का एक सक्रिय तत्व मानव मानव प्रकृति पर विजय प्राप्त कर सकता है विडाल डी ला ब्लाश,जिन बरु श
- नव नियतिवाद की अवधारणा दोनों ही अतिवादी अवधारणाओं का खंडन करता है प्रतिपादक ग्रिफिथ टेलर सतत विकास का संबंध की अवधारणा से है!
पारिस्थितिकी तंत्र
पारिस्थितिकी जर्मन प्राणीशास्त्री अर्नेस्ट हेक्कल ने 1866 ईसवी में “वातावरण और जीव समुदाय के पारस्परिक संबंधों के अध्ययन को पारिस्थितिकी कहते हैं “
पारिस्थितिकीय कारक 1.जलवायु कारक 2.स्थलाकृति कारक 3.मृदा कारक 4.जैविक कारक
पारिस्थितिकी के नियम –
प्रतिपादक बैरी commoner
1.पारिस्थितिकी के प्रथम नियम –पारितंत्र में प्रत्येक जीव एक दूसरे से संबंधित होते हैं एवरी थिंग इज कनेक्टेड टू एवरीथिंग जैसे मौसम के तापमान में वृद्धि के फलस्वरुप जवानों के तेजी से वृद्धि होती है फलस्वरुप पारिस्थितिक तंत्र में अजैविक पोषकों की आपूर्ति घट जाती है जिससे सेवा एवं पोषक चक्र में असंतुलन पैदा होता है 2.पारिस्थितिकी के द्वितीय नियम के अनुसार पारितंत्र में प्रत्येक वस्तु को कहीं ना कहीं जाना है everything must go somewhere जैसे प्राणी कार्बन डाइऑक्साइड को त्याग देता है परंतु उसी कार्बन डाइऑक्साइड को हरित पादप ग्रहण कर लेता है
3.पारिस्थितिकी के तृतीय नियम यहां कुछ भी मुफ्त में उपलब्ध नहीं there is no such thing as a free lunch अतः किसी भी प्रकार का लाभ प्राप्त करने के लिए तंत्र में कुछ न कुछ अवश्य प्रदान करना पड़ता है ऊर्जा प्राप्ति के लिए ऊर्जा लगानी पड़ती है !
4.पारिस्थितिकी के चतुर्थ नियम प्रकृति सर्वोत्तम जानती है nature knows best इस नियम के अनुसार पारितंत्र में मानव द्वारा किया गया कोई भी परिवर्तन उसके अस्तित्व के लिए विनाशकारी साबित होगा पर्यावरण का पारिस्थितिकी संरक्षण का संबंध इसीसे है।
पारिस्थितिक तंत्र शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम प्रयोग एजी ट्रांसले ने 1935
परितंत्र के कार्यप्रणाली कार्यात्मक स्वरुप के अंतर्गत का ऊर्जा प्रवाह एवं पोषकतत्वों का प्रवाह सम्मिलित होता है ऊर्जा प्रवाह जो उष्मागतिकी के dhoom नियमों पर आधारित है उर्जा ना तो निर्मित होती है ना ही नष्ट होती है बल्कि एक अवयव से दूसरी अवयवों में स्थांतरित होती है जब ऊर्जा का एक रूप से दूसरे रूप में रूपांतरण होता है तो ऊर्जा का क्षय होता है अतः एक पोषण स्तर से दूसरे पोषण स्तर में ऊर्जा के प्रवाह के दौरान ऊर्जा का ह्रास होता है लिंडेमान के अनुसार एक पोषण स्तर से दूसरे पोषण स्तर में ऊर्जा का केवल 10% भाग ही हस्तांतरित होता है शेष 90% भाग व्यर्थ हो जाती है |
जैव भू रासायनिक Chakra– यह अजैविक तत्वों का जैविक प्रावस्था में परिवर्तन तथा पुनः उन जैविक और अजैविक प्रावस्था में पुनरावृति का प्रारूप है |
पारीतंत्र की उत्पादकता
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